Kamil momin ki pahchan in hindi

 

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इस हदीस में निहायत ही अहम अदब व उसूल फरमाया गया

की इंसान अपने भाई केलिए भी वही कुछ पसंद करे जो वह अपने लिए पसंद करता है और यह उसी सूरत में मुमकिन हो सकता है जब इंसान दिल हसद आदि खोटों से पाक साफ होगा  क्योंकि हासिद इंसान दूसरों को अपने से  बेहतर या अपने जैसा देखना ग्वारा नहीं कर सकता और हासिद कभी भी दूसरों को अपने पर तरजीह नहीं देता।

जब कि इस्लामी तालीमत जो कमाले हमदर्दी वा साख का दर्स देती हैं यह सिखाती हैं की अपने  दूसरे भाई के लिए भी वही पसंद करो जो अपने लिए पसंद करो और जिसे अपने लिए नापसंद करो वह दूसरों के लिए भी नापसंद करो

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